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"उमर खालिद" की वो पहचान जब वो सिर्फ उमर था, सोशल एक्टविस्ट और एक छात्र।

दिल्ली में 9 साल की दलित बच्ची के साथ बालात्कार हमें हाथरस की याद दिलाती है।

फुलन देवी की कहानी एक जातीय और स्त्री संघर्ष की कहानी है जिसे हम सभी को जानना चाहिए।

पत्रकार दानिश सिद्दीक़ी की आज भले ही मौत हो गई हो लेकिन उनकी खींची हुई तस्वीरें आज भी जिंदा है, जो सरकारी झूठ को हमेशा आईना दिखाने की काम करती रहेगी।