देश के दो बड़े पत्रकार जब बनने चले दलाल !

मिलिए देश के दो बड़े महान पत्रकार से एक छी न्यूज(जी न्यूज) से है और एक न्यूज नेशन से है ये कह रहे हमें दिल्ली के शाहीन बाग जाना है दलाली(रिपोर्टिंग) के लिए, क्योंकि अभी दिल्ली में चुनाव होने को है और उपर से ऑर्डर आया है कि इस बार चुनाव में हार गए तो तुम्हारी खैर नहीं इसलिए मजबूरी है इसमें से एक बीतें दिन पिटे भी जा चुके है  और कह रहें है चाहे तो दो-चार लात और घूसे भी मार सकते हो।

खैर रहने दीजिए बड़े पत्रकार है मुझे लगता है इनका विरोध नहीं करना चाहिए इन्हें लोगों से बात करने दिया जाए और ये जहां जाना चाहे जाने दिया जाए, खैर कुछ समझदार लोग कह रहे थे हमें इनका बाईकॉट करना चाहिए इनके साथ कुछ भी नहीं करना चाहिए मैं इनसे बिल्कुल भी सहमत नहीं हूं और बाईकॉट तो बिल्कुल नहीं करना चाहिए इन्हें दलाली(रिपोर्टिंग) करने दिया जाए और जब मौका मिले अच्छे से कुटना चाहिए।

अब कुछ तरक्की पसंद लोग कहेंगे कि इससे तो बदनामी होगी इससे तो आंदोलन कमजोर होगा, उनके लिए जबाव कि अभी कौन सी आंदोलन की तारीफ हो रही है हम अभी भी बदनाम है और बदनाम किए जा रहें है इसिलिए जब भी मौका मिले अच्छे से कुट दो ताकि फिर कभी दलाली(रिपोर्टिंग) न कर पायें !

इस कहानी के सभी पात्र काल्पनिक है इसका संबंध सुधीर चौधरी और दीपक चौरसिया से तो बिल्कुल नहीं है !

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