चे ग्वेरा एक फैसनेबल अभिनेता नहीं एक महान क्रांतिकारी थे, जब उनकी हत्या की जा रही थी तब उन्होंने कहा तुम व्यक्ति को तो मार सकते हो लेकिन उसके विचारों को नहीं !

चे ग्वेरा (जन्म 14 June 1928- मृत्यु 9 October 1967 ) एक ऐसा नाम है जिसको भारत में शायद बहुत कम लोग ही जानता हो लेकिन उसके चित्र बनी हुयी टीशर्ट को भारत के लाखो युवा पहनते है।
चे ग्वेरा को हिरासत में लेकर लगभग 51 साल पहले मार दिया गया था मरने से पहले चे का कहना था कि, 'तुम एक इंसान को मार रहे हो, लेकिन उसके विचारों को नहीं मार सकते'. भारत में जिस तरह से भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और अन्य क्रांतिकारियों को प्रमुखता से जाना जाता है, उसी तरह से चे ग्वेरा लैटिन अमेरिका, क्यूबा और कई देशों में जाने जाते हैं भारत में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो चे ग्वेरा के विचारों से प्रेरित हैं और उनकी तरह बनना चाहते हैं चे ग्वेरा जब 39 साल के थे, तब उन्हें मार दिया गया था, लेकिन आज भी चे ग्वेरा और उनके विचार लोगों के दिलों में जिंदा है।
डॉक्टर से क्रांतिकारी बने चे ग्वेरा को क्यूबा के बच्चे-बच्चे भी सलाम करते हैं वो अपनी मौत के लगभग 53 साल बाद भी क्यूबा के लोगों के बीच जिंदा है इसका कारण है कि उन्होंने क्यूबा को सम्राज्यवादी ताकतों से आजाद कराया था चे ग्वेरा क्रांति के नायक माने जाने वाले फिदेल कास्त्रो के सबसे भरोसेमंद थे. फिदेल और चे ने मिलकर ही 100 'गुरिल्ला लड़ाकों' की एक फौज बनाई और मिलकर तानाशाह बतिस्ता के शासन को उखाड़ फेंका था, बतिस्ता को मानवता के दुश्मन अमेरिका का सपोर्ट हासिल था और इस तरह से बतिस्ता के शासन को उखाड़ फेंकने से अमेरिका भी पूरी तरह से हिल गया था 1959 में क्यूबा को आजाद कराया, शोसित के हको की लड़ाई लड़ने वाले चे ग्वेरा ने अपना जीवन उनके लिए न्योछावर कर दिया था आशा की किरण जगाने वाले चे ग्वेरा को आज पुरी दुनिया जानती है और उसके पोस्टर पुरी दुनिया में पहुचे जिन्होंने वर्तमान में टीशर्ट पर अपना आधिपत्य जमा लिया है|

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