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"उमर खालिद" की वो पहचान जब वो सिर्फ उमर था, सोशल एक्टविस्ट और एक छात्र।

               (फोटो साभार सोशल मीडिया) "उमर खालिद" नाम सुनते ही लोगों के जहन में अलग-अलग तरह के कई तस्वीर आते होगें, किसी के लिए दुश्मन(देशद्रोही), किसी के लिए राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी, किसी के लिए दोस्त, किसी के लिए बेटा तो किसी के लिए भाई या फिर कुछ और. लेकिन मैं यहां सिर्फ सोशल एक्टविस्ट और एक छात्र के तौर पर जिक्र करना चाहूंगा। यूं तो उमर को "उमर खालिद" के तौर पर पहचान फरवरी 2016 के जेएनयू विवाद और मीडिया ट्रायल चलने के बाद मिला था, लेकिन मैं उन लोगों में से एक हूं जो उमर खालिद को 2014-15 के उस समय से जानता हूं जब वो सिर्फ "उमर" था। उमर जब भी किसी प्रोटेस्ट में आता अपनी उंची नारों से उस प्रोटेस्ट में जोश भर देता, आसमान में उसकी तनी हुई मुट्ठी और नारे लगाने का स्टाईल लाजवाब था जिसे मैंने भी कॉपी किया था। उमर से मेरी ज्यादा मुलाकात नहीं होती थी क्योंकि उमर जेएनयू से था और मैं डीयू से, वो किसी और छात्र संगठन से था और मैं किसी और छात्र संगठन से, संगठन के अनुसार हमारी मकसद एक होते हुए भी काम करने का तरीका अलग-अलग था। अक्सर हम तभी मिलत

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